हरित कक्ष (Green chamber) या ग्रीन हाउस ,कृषि (agriculture) एवं बागवानी (horticulture) में प्रयुक्त ,काँच का बना ऐसा कक्ष (chamber )होता है जिसमे सूर्य की ऊष्मा का अधिकांश भाग काँच से होकर कक्ष में प्रबेश कर जाता है और उसमे रखे गये पौधो को पर्याप्त(Sufficient) ऊष्मा प्रदान करता है परन्तु रात्रि के समय कक्ष (room) के भीतरी (inside) गर्म भागो पौधो ,वायु आदि से विकरित (radiated) ऊष्मा काँच की दीवारों तथा छत के द्वारा पुन : कक्ष(room) में ही परिवर्तित हो जाती है तथा कक्ष को रात्रि में भी गर्म बनाये रखती है इस पराभव को हरित कक्ष (room) प्रभाव (Green House Effect) कहते है.
आधुनिक युग में मानव द्वारा परिवहनों तथा ताप विधुत ग्रहो आधौगिक(Industrial) कारखानों , ईट(Brick) के भट्टों(kilns) एवं आबादी (population) बहुत बढ़ जाने से रसोई(Kitchen) ईंधन (fuel) की उपयोग बढ़ जाने से वायुमंडल में कार्बनडाइआक्साइड गैसों की मात्रा बढ़ गई है वायु की प्रमुख गैसों क अपेक्षा कार्बनडाइआक्साइड के अधिक भरी होने के कारण पृथ्वी के निकट के चारो और कार्बनडाइआक्साइड मोटी पर्त (layer) बनती जा रही है.
कार्बनडाईआक्साइडका यह बादल, दिन के समय सूर्य की ऊष्मा के अधिकांश को तो आर पार जाने देता है परन्तु रात्रि के समय पृध्वी से विकरित (radiated) ऊष्मा को पुनः प्रधवि की ओर परावर्तित (reflected) कर देता है इससे रात्रि में पृध्वी तल के पर्याप्त ठन्डे न हो सकने के कारण पृध्वी का दैनिक एवं वार्षिक औसत ताप (heat)बढ़ता जा रहा है हरित कक्ष के तापन से समानता के कारण पृध्वी के औसत ताप की इस वृद्धि को हरित कक्ष प्रभाव (Green House Effect) तथा इसके विश्वव्यापी (worldwide) होने के कारण वैशिवक(global) तापन (global warming) कहते है