स्वच्छ (clean) एवं संतुलित (balanced) वायुमण्डल में आक्सीजन (Oxygen ) लगभग 21% , नाइट्रोजन 18.8 % , कार्बन डाइऑक्साइड 0.03% तथा कुछ अन्य (others) गैसे पाई जाती है इन गैसों का वायुमण्डल के मध्य चक्रीकरण (cycling) होता रहता है वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड , कार्बन मोनोक्साइड , सल्फर डाइऑक्साइड धूल के कड , कार्बन के कड आदि की मात्रा में वृद्धि तथा अन्य हानिकारक पदार्थों के समावेश (inclusion) के कारण वायु प्रदूषण होता है
वायु प्रदुषण मुख्यतः दो कारणों से होता है।
1 प्राकृतिक कारणों से
2 मानवीय कारणों से
प्रदूषण होने के प्राकृतिक कारण –
1 ज्वालामुखी से निकली राख
2 आंधी तूफ़ाइसके न से उड़ती धूल मिट्टी
3 जंगल में लगने वाली आग से निकलने वाला धुआँ
4 कोहरा और धुंद के कारन
प्रदूषण होने के मानवीय कारण – मानव जाती की गतिविधियां द्वारा वायु में छोड़ी गई विषैली गैस ( कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बनमोनोऑक्साइड …. etc . ) के कारण वायु प्रदुषण होता है।
इसके अलावा घरो से निकलने वाले ईंधन एवं वाहनों से निकलने वाले धुएं से वायु प्रदूषित होती है. कही हद तक वायु प्रदूषित होने का मुख्य कारण कारख़ाने एवं फैक्टरियां है।
वायु प्रदूषण को रोकने के उपाय
1 घरो में धुआँ रहित ईंधनों के उपयोग को रोकना चाहिए।
2 पेट्रोल तथा डीजल से चलने वाले वाहनों का उपयोग कम करना चाहिए इसके लिए सर्कार भी प्रयास कर रही है।
3 कारखानों की चिमनियों की ऊचाई अधिक से अधिक होनी चाहिए जिससे की आस पास के स्थानों को प्रदूषित न कर सके.
4 ईंटो के भट्ठे को गांव या शहर से दूर लगाने चाहिए।
5 शहरों में सड़को के कनारे अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए।
6 चिमनियों में विधुत स्थैतिक अवक्षेपक (Electrostatic precipitators) लगाने चाहिए जो राख एवं धुएँ के कणो को वायु से अवक्षेपित करके अलग कर दे।
7 डीजल में कोई अन्य पदार्थ मिलाकर पेट्रोल से लेड (सीसा ) जैसा विषैला पदार्थ निकालकर उपयोग करना चाहिए।