विंध्यवासिनी विजयासन देवी मंदिर सलकनपुर
विंध्यवासिनी विजयासन देवी मंदिर तहसील रहटी ग्राम सलकनपुर जिला सीहोर मध्य प्रदेश में हे यह बहुत प्राचीन मंदिर हे लगभग 400 साल पुराना हे यह मान्यता हे कि महिषासुरंदरीन के रूप में माँ दुर्गा ने रक्तबीज का वध किया था एवं यहाँ विजय मुद्रा में तपस्या की थी इस कारण से यह विजासन देवी कहलाती हे
इस मंदिर को सलकनपुर टेम्पल के नाम से भी जाना जाता हे यह मंदिर सलकनपुर ग्राम में लगभग 900 फिट कि ऊचाई पर एक पहाड पर देवी जी विराज़मान हे मंदिर के गर्भ में 400 साल से २ ज्योति प्रज्जवलित हे वैसे तो सालभर यहाँ देवी जी के भक़्तो का ताता लगा रहता हे परन्तु नवरात्री के समय यहाँ मेला लगता हे जिस में बहुत से श्रद्धालु हिस्सा लेते हे
यह भक़्तो के पहुंचने के लिए पत्थर कि बनी 1400 सीढ़ी हे और गाड़ी से जाने के लिए रास्ता एवं लिफ्ट भी लगी हे
अगर आप मध्य प्रदेश में रहते हे या घूमने जाते हो तो एक बार विजयासन देवी के मंदिर अवश्य जाय
यह मंदिर भोपाल से 70 km ,होशंगाबाद से 35 km भोपाल एवं इंदौर रोड पर रहटी में हे
माता पार्वती का अवतार हैं विजयासन देवी!
पुराणों के अनुसार देवी विजयासन माता पार्वती का ही अवतार हैं, जिन्होंने देवताओं के आग्रह पर रक्तबीज नामक राक्षस का वध किया था और सृष्टि की रक्षा की थी।
बाघ करता है माता की परिक्रमा
बताया जाता है कि नजदीकी रातापानी के जंगलों से बाघ भी माता के मंदिर तक पहुंच जाता है। भक्तों मानते हैं कि मां दुर्गा का यह वाहन माता के दर्शन करने के लिए मंदिर के आसपास तक पहुंच जाता है।