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Covid के समय में गर्भवती महिलाओं का खान पान कैसा होना चाहिए

What should be the diet of pregnant women in the time of covid

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कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान शिशु और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है।

इस समय के दौरान पोषण एक महत्वपूर्ण विषय है। कोविड संक्रमण के समय कुपोषण का स्तर नहीं बढ़ना चाहिए, इसलिए उनका खान-पान बेहतर होना चाहिए।

पौष्टिक आहार का शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता से गहरा संबंध है। मजबूत प्रतिरक्षा संक्रमण के जोखिम को कम करती है और कई प्रकार के संक्रामक और गैर-संचारी रोगों से बचाती है।

महिला और उसके कुपोषण का बच्चे के जीवन पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है। गर्भवती महिला का भोजन बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है।

कुपोषित गर्भवती महिलाओं के बच्चे भी कुपोषित हैं। कुपोषण के कारण मातृ एवं शिशु मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है। कुपोषण के कारण बच्चों का शारीरिक विकास प्रभावित होता है। वे बौनेपन, कम वजन या मोटापे आदि से पीड़ित हैं। कुपोषण के कारण भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे समय में गर्भवती महिलाओं या भावी माताओं और किशोरियों और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए पौष्टिक भोजन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

वहीं, महिलाओं को शिशुओं को नियमित रूप से स्तनपान और पूरक आहार दिया जाना जरूरी है। इन सबके साथ ही स्वच्छता के नियमों का भी पालन करना होता है। कोविड के दौरान गर्भवती महिलाओं और किशोरियों के खान-पान को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। गर्भावस्था में रोग प्रतिरोधी क्षमता कमजोर होती है। ऐसे समय में किसी भी तरह के संक्रमण और असर का खतरा ज्यादा तेजी से होता है। नियमित रूप से दूध, अंडे, मांस, मछली और हरी पत्तेदार सब्जियों के अलावा गर्भवती महिलाओं को समय-समय पर मौसमी फल, दालें, दलिया और आयरन और जिंक की गोलियां दी जानी चाहिए। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी अपने दैनिक भोजन में इसी तरह के खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। शिशुओं को कुपोषण से बचाने के लिए नियमित रूप से स्तनपान कराना चाहिए।

शून्य से दो वर्ष तक के शिशुओं के लिए नियमित स्तनपान आवश्यक है। छह महीने से अधिक उम्र के शिशुओं के लिए नियमित स्तनपान के साथ पूरक आहार भी आवश्यक है। शिशुओं के पूरक आहार में दलिया, सूजी का हलवा, दाल, हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल, मुर्गी, मांस आदि शामिल हैं। इसके साथ ही दो साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए समय पर खानपान जरूरी है। बच्चों को बाहर और जंक फूड आदि की आदत नहीं डालनी चाहिए। घर का बना ताजा खाना ही खिलाएं।

Note: Before planning the diet please consult your doctor.

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