तालिबान का नेतृत्व क्वेटा से क्वेटा शूरा नाम की काउंसिल करती है।
तालिबान का संस्थापक मुल्ला उमर था जिसकी २०१३ में मौत हो गई थी ,
मुल्ला उमर का उत्तराधिकारी मुल्ला मंसूर था , जिसकी २०१६ में ड्रोन स्ट्राइक में मौत हो गई।
तबसे मावलावी हैबतुल्ला अखुंदजादा तालिबान का कमांडर है। उमर का बेटा मुल्ला मोहम्मद याकूब भी हैबतुल्ला के साथ है। इसके अलावा तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और हक्कानी नेटवर्क का मुखिया सिराजुद्दीन हक्कानी भी तालिबान का हिस्सा है।
महात्मा बुद्ध की दो मूर्तियों को तालिबान ने २००१ में बम से ध्वस्त कर दिया था।
इसके अलावा सन २०१२ में एक स्कूली छात्रा मलाला युसूफजई को निशाना बनाया। मलाला को बाद में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।